भाषा एवं साहित्य >> काव्य भाषा पर तीन निबन्ध काव्य भाषा पर तीन निबन्धरामस्वरूप चतुर्वेदी
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पुस्तक में उन्हीं के लिखे हुए तीन निबंध संकलित हैं जिनकी हिन्दी आलोचना में प्रशंसा होती रही है
काव्य-भाषा संबंधी चिन्तन समकालीन आलोचना के केन्द्र में आ गया है। हिंदी में, इस विषय पर मौलिक दृष्टि से लिखी गयी पुस्तकें बहुत कम हैं। प्रख्यात आलोचक डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी के आलोचनात्मक चिंतन का प्रमुख प्रतिमान काव्य-भाषा रही है। इस पुस्तक में उन्हीं के लिखे हुए तीन निबंध संकलित हैं जिनकी हिन्दी आलोचना में प्रशंसा होती रही है।
इस विषय पर इन निबंधों का ऐतिहासिक और वैचारिक महत्व है ।
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